Thursday, August 27, 2009
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
4 comments:
सटीक चित्रण ....सत्य बचन
क्या आपकी सामग्री का प्रिंट पत्रिका मॆं उपयोग कर सकता हूँ..?
अब तो सी बी आई को अपने जाल मजबूत रखने होंगे !!
CBI को चड्डी भी मज़बूत पहननी होगी
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