Subscribe to:
Post Comments (Atom)
कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
6 comments:
sacchai bayan kar di apne
ये मोटी चमड़ी के नेता मर जायेंगे..पर ऐसा हरगिज नहीं करेंगे..!कुछ की तो राजनीती ही स्लम से शुरू होती है...
टेंशन काहे लेते हो? कभी कहा नहीं था "गरीबी हटाओ". हटी क्या?
"SLAM RAHIT" ki jagah
kaash desh "NETA RAHIT" ho jaye
वाह वाह वाह वाह
कितनी बार कहूं तिवारी जी
जरा बच कर रहें एक डाक्टर,लेखक और सबसे ऊपर एक हरियाणवी फ़ॉलो करने लगा है आपको
एक बात और संजय जी को मुखातिब होकर
गरीबी हटे न हटे-अगर नेता सिर्फ़ सेन्सैक्स देखते रहे तो गरीब जरूर हट जाएंगे दुनिया से
इसलिये लिखना-कार्टून बनाना बेहद जरूरी है
श्याम सखा श्याम
सच है गर स्लम हट जाएँगे
तो इनको सलाम करने वाले कहाँ जाएँगे ?
Post a Comment