Thursday, June 4, 2009
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
3 comments:
अच्छी प्रस्तुति। वाह।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
Manmohani soorat kyon pareshan hai?
Mukhouta nouch kyon nahin lete
hariom bhai
Ham Tum me kuch samantaye hain
mera cartooning safar bhi Swadesh Gwalior se suruu hua
pl visit my blog
Sach hai.
Bahut mukhaute hain...
Ek to Man-mohan par bhi hai.
Use kaise bhool gaye aap??
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