Monday, May 18, 2009
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
8 comments:
१८० से ३६० डिग्री के बीच का कल्चर है.
Jabardast cartoon. aisa cartoon koi akhwar to chhap nahi sakta,blogg ki maharbani jo ham ise dekh paye,badhai,dhanywad,shurkiya.
Jabardast cartoon. aisa cartoon koi akhwar to chhap nahi sakta,blogg ki maharbani jo ham ise dekh paye,badhai,dhanywad,shurkiya.
jhukne se kaam nahi chalega ... pure let hi jao..............
bahut accha cartoon
जोरदार,मस्त-मस्त!
कुर्सी के लिए कुछ भी करेगा.....
इस काटरून से आपने नेताओं पर जो व्यंग्य किया है, वह शानदार है। मीडिया में भी यह बात एकदम सटीक बैठती है। मामला तगड़ा है।
बढ़िया ..
उतना झुकते जिससे जूता सिर पर आ जाता
जूता खाने वाले सभी जीते हैं न
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