Wednesday, April 29, 2009
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
3 comments:
good cartoon
ashish
सही है!!
आपके कार्टून बहुत पसंद आते है | रोज दैनिक भास्कर में आपके कार्टून छपते है, आपको शुभकामनाएँ | कभी हमारे ब्लॉग पे पधारे ये मेरी आपसे गुजारिश है |
ब्लॉग का पत्ता -
http://sanjaydudani.blogspot.com
और YouTube चैनल का पत्ता -
http://youtube.com/championindians
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