Tuesday, April 28, 2009
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
5 comments:
उत्तम कार्टून......
आपका स्वागत है...........
कुकुरमुत्ते ही हैं!
चुनावों के नतीजे आ जाएँ, फिर देखना.
कुछ तो पैदायशी ही प्रधानमंत्री पद के दावेदार के हैं
राहुल और प्रियंका
ab ka kahein bhai
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