
Monday, July 12, 2010
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
5 comments:
अंधविश्वास फैलाने सफल तो रहा ही है
बिल्कुल सही।
जी हाँ विश्वकप के असली हकदार तो यही हैं:)
But Sir jee Is ke Kewal 6 leg hi kyon hai ? Baki ke 2 kaha gaye ?
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