Tuesday, April 6, 2010
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
6 comments:
मजेदार!
यदि आईपीएल में नंबर लग गया तो समझिए कि सारी डिग्रियां फ़ेल हैं ...बढिया है
अजय कुमार झा
सब पैसा ही कमाएंगे तो फिर खेल की सेवा कौन करेगा।
ha ha :) stya vachan !!! aajkal IPL ke daur ko dekh ke bilkul yahi lagta hai !!!
झमाझम :)
शानदार, वाह, खेल सट्टा बाज़ार गया है
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