Thursday, October 8, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
6 comments:
अरे ये लोग तो असली गांधीजी का मकान ख्ररीदने आ गये।
mast bhaai
स्मारक बनवाओ...
shandar coment
shandar coment
बहुत ही बढिया
Post a Comment