Thursday, October 1, 2009
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
7 comments:
inko kam ki kami nahin......JORDAR
बिलकुल सटीक निशाना साधा है आपने बधाई
क्रिकेटरों का पहला प्यार अब पैसा ही रह गया है, ऐसे में उनको इस बात से क्या मतलब है कि देश के खेलप्रेमियों को भारत के हारने पर कितना सदमा लगता है। वैसे यह बात तय है कि पाक ने ही भारत को बाहर किया है, वरना उसमें जितना का दम तो है।
क्रिकेटरों का पहला प्यार अब पैसा ही रह गया है, ऐसे में उनको इस बात से क्या मतलब है कि देश के खेलप्रेमियों को भारत के हारने पर कितना सदमा लगता है। वैसे यह बात तय है कि पाक ने ही भारत को बाहर करवाया है, वरना उसमें जीतने का दम तो है।
ekdam satik comment hai bhartiya team par.
वाह क्या खूब है
bahut sateek hain aapke vyngy
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