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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
3 comments:
bhagwan aisa BOJH uthane ka MAUKA hamen bhi de...kasam se ham to kisi se shikayat bhi nahin karenge.
badiya cartoon hariomji....
Are HARIOM Bhai
yeh to khud
Dharti par bojh hain
ha ha
he he
ho ho
ये कोई बोझ थोड़े ही है....इसके नीचे तो दब मरने को तैयार है नेताजी :)
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