Thursday, July 23, 2009
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
4 comments:
inake liye to special episode hone chahiye aur desh ke sabhi logo ko dekhana aniwary kar dena chahiye..
kyonki sach ka samnana ye kar hi nahi aapyenge...
sundar cartoon..badhayi
satik cartoon
सटीक..
इनकी आदत कभी नहीं बदल सकती:)
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