Wednesday, July 22, 2009
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
5 comments:
ये गुप्त बात सबको क्यों बता रहे हो बच्चा? :) :)
बिल्ली के भागों छीका टूटा. भगवन करे ऐसा सूर्यग्रहण रोज़ लगे.
badhiya:)
मस्त!!
लाजवाब! कार्टून की सभी शर्तें पूरी करता हुआ।
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