Thursday, July 9, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
3 comments:
चलो इस बहाने स्कूल तो दिखाई दे जायेगा.
बहुत सुन्दर
भईया जी मंत्री बनेंगे आगे चल कर.
वास्तविक बाल श्रमिक। हो सकता है बेगारी हो।
Post a Comment