Monday, June 1, 2009
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
3 comments:
मर्सिडीज़ पुरानी बात है
इनकी तो फेरारी साथ है
एजेंडे में बंगला,
हर शहर में बनाना
इनका बायाँ हाथ है
hariom ji. good cartoon. ye to inka paancgh saal ka kam hai.
Fantastic!!!
Bahut Sundar.
~Jayant
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