Friday, May 29, 2009
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
7 comments:
mast but cool
भविष्य हेतु बेचारे का बहुत अच्छा मार्गदर्शन कर रहे हैं...नेता जी.
Guru dakkshina me
kya kya loge gurudev?
maza aaya
hariom ji
pl visit my blog:
http://cartoontimes.blogspot.com
ha ha ha majedar
यह तो चुनाव लड़ते समय ही समझ आ जाता है।
देखना एक ही महीने में चेला गुरु को पीछे छोड़ देगा
:-)
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