Tuesday, May 5, 2009
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
3 comments:
चुनावों में सब से बेहतरीन और खतरनाक कार्टून। काँग्रेस पर भी लागू।
प्रिय हरिओम
तुम्हे ब्लॉग पर पाकर अच्छा लगा...ब्लॉगर होने की बधाई
इन दिनों तुम्हारे कार्टून यहाँ भास्कर में चुनाव पेज पर देखने को मिल जाते हें.....
शुभकामनायें...
hari om ji bahut hi badiya cartoon..... hakikat k karib shaandar,,,,,
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