Sunday, May 3, 2009
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कमंडल और खड़ाऊं से लैस एक ऋषि ब्लॉगिया दुनिया में अवतरित हो गया है। चूंकि खड़ाऊं आम चल रहे हैं तो बचा कंमडल में श्राप या आशीर्वाद का जल। अब यह तो मनुष्य की मनुष्यता या दुष्टता पर निर्भर करेगा कि किसे क्या मिलेगा। कार्टूनों की यह बौछार नेताओं और नौकरशाहों के कर्म आचरण पर निर्भर करेगी..
4 comments:
लगता है
अब
नेता अभिनेताओं
को/के कार्टून बना
बनाकर सत्ता पाओगे
या जल्दी ही
फिल्मों में धाक जमाओगे।
एक रोल टिप्पणी देने वालों
के लिए भी रख लेना तिवारी
हरिओम जी।
sunad vyangya
Sachchee baat der se likhee dada
par maza aa gayaa
ha ha ha
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