Wednesday, October 21, 2009

कार्टून : बच्चे क्या सोच रहे हैं सिब्बल अंकल के बारे में !


5 comments:

Anil Pusadkar said...

बच्चे, मन के सच्चे।

http://dr-mahesh-parimal.blogspot.com/ said...

बच्‍चों को बच्‍चा न समझें, तब तक ही अच्‍छा। वरना कभी भी मुश्किल में पड़ सकते हैं। हरिओम जी तो अनुभवी हैं, इसलिए अपना अनुभव उन्‍होंने हमें कॉर्टून के माध्‍यम से बता दिया। प्रश्‍न यह है कि हमने उन्‍हें कहॉं तक समझा।
डॉ महेश परिमल

Unknown said...

Baccho ke Doordarshita aur suzbooz ka utkrashtha udahran hai sibbal sahib ke nirnaya par samyik kataksh bhi hai

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया! अब बच्चे भी राजनिती समझने लगे हैं।

हिमांशु डबराल Himanshu Dabral (journalist) said...

ये आजकल के बच्चे है...सब जानते है...